सूरज रोज सुबह जो निकलता है। सूरज रोज सुबह जो निकलता है।
आब-ए-चश्म से मिटती नहीं मेरी तिश्नगी, रोज जश्न मनाती है,जख्मों से भरी ये जिंदगी। आब-ए-चश्म से मिटती नहीं मेरी तिश्नगी, रोज जश्न मनाती है,जख्मों से भरी ये जिंद...
वो नारी बेबस बेचारी भूखा है परिवार बिलखते बच्चे देख रोए मन। वो नारी बेबस बेचारी भूखा है परिवार बिलखते बच्चे देख रोए मन।
चीन के वुहान शहर से हुआ आगमन! चहुं ओर फैल कर मचा रहा तांडव! चीन के वुहान शहर से हुआ आगमन! चहुं ओर फैल कर मचा रहा तांडव!
महामारी गई नहीं, रहना हमें सचेत। महामारी गई नहीं, रहना हमें सचेत।
चूड़ी जो खनकाऊं बरसे अमृत के रस पायल जो छनकाऊं धरती भरे हिलोर । चूड़ी जो खनकाऊं बरसे अमृत के रस पायल जो छनकाऊं धरती भरे हिलोर ।